रिपोर्ट - जितेन्द्र कुमार मौर्य जनपद सोनभद्र।
सोनभद्र जनपद अन्तर्गत घोरावल विकास खंड के ग्राम पंचायत जमगाई का मुख्य संपर्क मार्ग की स्थिति इन दिनों बद से बदतर हो चुकी है। यह मार्ग पूरी तरह कीचड़युक्त गड्ढों में तब्दील हो गया है, जिससे स्थानीय निवासियों, व्यवसायियों और राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग पर पैदल चलना भी किसी जंग से कम नहीं रह गया है।
पानी, कीचड़ और दलदल बना सड़क का हाल -
जमगाई ग्राम पंचायत से कई गांवों का प्रमुख आवागमन होता है। लेकिन हालिया बारिश के बाद यह संपूर्ण मार्ग दलदली हो गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, दोपहिया वाहन आए दिन फिसल रहे हैं और लोग चोटहिल हो रहे हैं। यही नहीं, बड़ी गाड़ियां दलदल में फंस जा रही हैं और व्यवसायी अपना सामान लेकर समय से बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
जिम्मेदार बेखबर, जनता परेशान -
इस गंभीर स्थिति की जानकारी कई बार संबंधित अधिकारियों और ठेकेदार को लिखित और मौखिक रूप से दी जा चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकाला गया। ग्रामीण उमेश कुमार गिरि, धीरज शुक्ल, रामगोविन्द पाठक, कन्हैया गिरि, श्याम सुंदर गिरि व सोनू पाठक ने बताया कि अब वह जिलाधिकारी से मिलकर इस मामले में कठोर कदम उठाने की मांग करेंगे, ताकि समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
ग्रामीणों ने जताया आक्रोश-
ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्राम पंचायत के अनेक लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि वह जल्द से जल्द मौके का स्थलीय निरीक्षण करें और संबंधित ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।
जनजीवन पर सीधा असर
जमगाई संपर्क मार्ग पर कीचड़ और जलजमाव के कारण न केवल व्यापार प्रभावित हो रहा है, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। यह मार्ग स्कूल, अस्पताल और बाजार से जुड़ने वाला मुख्य रास्ता है, जिसकी उपेक्षा आम लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। मुख्य संपर्क मार्ग इन दिनों सरकारी लापरवाही और संवेदनहीनता का प्रतीक बन चुका है।
ग्रामीणों की मांग है कि संबंधित विभागीय लोगों और ठेकेदार के गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर अंकुश लगाते हुए अविलंब मरम्मत कार्य कराया जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो जनता आंदोलन करने को मजबूर हो जाएगी।
जनता की मांग - अब नहीं चाहिए वादा, चाहिए पक्का रास्ता
प्रशासन की चुप्पी - सड़क कीचड़ में और उम्मीदें धूल में
यह समस्या केवल एक मार्ग की नहीं, बल्कि उन हजारों लोगों की है जिनकी रोज़मर्रा की जिंदगी इस रास्ते से जुड़ी है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक चुप रहता है और कब इन ग्रामीणों को राहत मिलती है।
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