( आशीष कुमार सिंह सोनभद्र )
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह पटेल एक बड़े भ्रष्टाचार के जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। उन पर अवैध संपत्ति अर्जित करने और पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगे हैं। शाश्वत मंच के अध्यक्ष श्याम जी मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनके पास शैलेंद्र सिंह पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत मौजूद हैं। और वे इन सभी दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे।
भ्रष्टाचार की कहानी: एक छोटी आय से करोड़ों की संपत्ति तक
शिकायतकर्ता श्याम जी मिश्रा के अनुसार, शैलेंद्र सिंह पटेल ने एक सरकारी कर्मचारी की सीमित आय के बावजूद अकूत संपत्ति जुटाई है। मिश्रा ने बताया कि 2008 में चित्रकूट में खनन अधिकारी के रूप में नियुक्ति से पहले, पटेल के परिवार के पास केवल 25 एकड़ जमीन और एक कच्चा मकान था। लेकिन आज की तारीख में, उनके परिवार के पास करोड़ों की संपत्ति है। जिसमें 68 लाख रुपये का एक फ्लैट, 68 करोड़ रुपये का एक फार्म हाउस, 4 करोड़ रुपये का एक अन्य फ्लैट और एक फॉर्च्यूनर कार शामिल है। ये सभी संपत्तियां उनके भाई, माता और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि 2008 में प्रयागराज में उनके पास कोई जमीन नहीं थी।
अवैध वसूली और रिश्तेदार बने ‘मुखौटा’
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि शैलेंद्र सिंह पटेल अवैध खनन और परमिट में गड़बड़ी के जरिए प्रति माह लगभग एक करोड़ रुपये की अवैध कमाई कर रहे हैं। विशेष रूप से 2016-17 से उनकी संपत्ति में अचानक और बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। यह भी आरोप है कि खनन अधिकारी ने अपने उन रिश्तेदारों का इस्तेमाल किया जिनका उत्तर प्रदेश से कोई सीधा संबंध नहीं था। जैसे ही उनका ट्रांसफर सोनभद्र हुआ, इन रिश्तेदारों के नाम पर जमीन, फ्लैट और फार्म हाउस खरीदे जाने लगे।
प्रभव दुबे नामक एक अन्य शिकायतकर्ता ने तो यहां तक दावा किया कि खनन अधिकारी ने 2008 के बाद से लगभग 300 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की है। दुबे के अनुसार, आरोपी अधिकारी के पास 10 करोड़ का एक फार्म हाउस और 4 करोड़ का दूसरा फार्म हाउस है। उन्होंने अपने भाई जितेन्द्र सिंह, जो राजस्थान में पढ़ते हैं, उनके नाम पर भी संपत्तियां रखी हैं। अधिकारी की पत्नी के नाम पर 1 करोड़ 83 लाख रुपये के बैंक लेनदेन के रिकॉर्ड भी सामने आए हैं।
कार्रवाई की मांग और हाईकोर्ट तक जाने की चेतावनी
श्याम जी मिश्रा और प्रभव दुबे दोनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शैलेंद्र सिंह पटेल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के भ्रष्ट अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं। शिकायतकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो वे उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उनके पास अधिकारी के परिवार के सदस्यों जैसे भाई, पिता शंकर दयाल, माता, फूफा, बुआ, मामा और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज संपत्तियों के सभी दस्तावेज और फोटो कॉपी उपलब्ध हैं।
इस मामले में कुछ स्थानीय लोगों और राजनीतिक हाथों की भी भूमिका होने की आशंका जताई गई है, जो इस भ्रष्टाचार के खेल में शामिल हो सकते हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाती है।
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